शिक्षक : शामा बताओ शाला कैसी होनी चाहिए ? शाम : जी, साफ सुथरी । शिक्षक : वह कैसे । शाम : जब हम घर मे ही रहेंगे और यहा आकर कचरा नही करेंगे ।
किसी ने कहा है बाटनाही है तो खुशिया बाटो, हॅसि बाटो. दु:ख बाटने मे क्या मजा ? ऎसिही कोशिश कर रहा हू हॅसिया बाटने की, ईस ब्लॉगपर. पसंद आए तो जरुर बताना. हर चुटकूला स्वच्छ, सुंदर रहेगा जिसे परिवार का हर सदस्य पढेगा और घरको हसाएगा !!!